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Friday, 25 August 2017

Prathana मृत्युंजय जाप Mrityunjay Mahadev Trahimam mp3 Download





ॐ मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम 
जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः 

महा शिवरात्रि और महाकाल की महिमा

महाशिवरात्रि के परम –पवन पर्व पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं| यह दिन बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और यह माना जाता है कि इसी दिन शिवजी ने कालकूट नाम का विष पिया था  जो की समुन्द्रमंथन के दौरान अमृत से पहले समुन्दर से निकला गया था| जबकि कुछ विद्वानों का यह भी मत है की आज के ही दिन शिवजी और माता पार्वती विवाह सूत्र मे बंधे थे|

 महा शिवरात्रि और महाकाल की महिमा

जब देवताओं और असुरों मे आपसी कलह ज्यादा बढ़ गया तो समुन्दर मंथन किया गया ताकि अमृत निकला जा सके| इसके अलावा एक शिकारी की कथा भी इससे जुड़ी बताई जाता है की किस प्रकार से अनजाने मे की गई पूजा से प्रसन्न होकर शिव भगवान् ने उस शिकारी पर अपनी असीम कृपा बरसाई| यही पौराणिक कथा शिव पुराण मे संकलित भी है| 

अनेकानेक प्राचीन वांग्मय महाकाल की व्यापक महिमा से आपूरित हैं क्योंकि वे कालखंड, काल सीमा, काल-विभाजन आदि के प्रथम उपदेशक व अधिष्ठाता हैं। स्कन्दपुराण के अवंती खंड में, शिव पुराण (ज्ञान संहिता अध्याय 38), वराह पुराण, रुद्रयामल तंत्र, शिव महापुराण की विद्येश्वर संहिता के तेइसवें अध्याय तथा रुद्रसंहिता के चौदहवें अध्याय में भगवान महाकाल की अर्चना, महिमा व विधान आदि का विस्तृत वर्णन किया गया है।  

मृत्युंजय जाप 

महाकाल की आराधना का मृत्यु शैया पर पड़े व्यक्ति को बचाने में विशेष महत्व है। खासकर तब जब व्यक्ति अकाल मृत्यु का शिकार होने वाला हो। इस हेतु एक विशेष जाप से भगवान महाकाल का लक्षार्चन अभिषेक किया जाता है- 



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